टुंबाटी ग्रह की सैर
ले:-एम मुबीन
सौ के लग भग वैज्ञानिक और राजनेता टुंबाटी ग्रह के वासिओं के साथ उन्ही के अंतरिक्षयान में टुंबाटी ग्रह आए थे
उन पर यह दायित्व सोंपा गया था कि वे टुंबाटी ग्रह जाकर वहां के वासिओं की वैज्ञानिक खोंजों और प्रगती का पता लगाए और नियर्ण दें कि टुंबाटी ग्रह के समा्रट योकोटी के सामा्रज्य को धरती पर स्वीकार कर लिया जाए या फिर उनकी मंग को ठुकरा कर उनका मुकाबला करने के लिए कमर कसी जाए
जैसे ही उनका यान टुंबाटी की धरती पर उतरा लाखों टुंबाटी वासियों ने नारे लगा कर उनका स्वागत किया
''टुंबाटी की धरती पर धरती वासिओं का स्वागत है''
टुंबाटी समा्रट ने आगे बढकर उनका स्वागत किया
''मैें धरती के वासियों का स्वागत करता हूं मुझे खुशी है के धरती वासियों ने मेरे प्रस्ताव को गंभीरता से लिया और हमारी प्रगती और बल का पता लगाने टुंबाटी ग्रह आए मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी वैज्ञानिक प्रगती और बल को देखने के बाद धरती वासी हमारे सामा्रज्य को स्वीकार कर लेंगे और मैें धरती का भी समा्रट बन जाउंगा अगले कुछ दिनों में आपको हमारे ग्रह की एक एक चीज दिखाई जाएगी ताकि आप के विचार हमारे पक्ष में हो जाए''
वे लोग टुंबाटी ग्रह की हर चीज को आर्श्चय से देखने लगे भारतीय प्रतिनिधी मंडल का नेतत्त्व डॉ क़बीर कर रहे थे उनका बेटा हुनैन भी जिद कर के उनके साथ आया था।
हुनैन स्वंय एक विज्ञान का छात्र और छोटा मोटा वैज्ञानिक था इसलिए हुनैन को अपने साथ ले जाने का समर्थन हर किसी ने किया था
हुनैन देख रहा था जो भी टुंबाटी वासी उनके स्वागत के लिए आए थे हर टुंबाटी के साथ एक दो रोबट थे उन राबटों का प्ररिक्षण करने के बाद हुनैन आश्चर्य में पड गया
वे ना केवल रोबट थे बल्कि सुपर कंप्यूटर भी थे धरती पर जिस क्षमता के सुपर कंप्यूटर केवल 10,12 थे उतनी क्षमता का सुपर कंप्यूटर हर रोबट था
''क्या टुंबाटी ग्रह पर इतनी ही क्षमता के कंप्यूटर हैं'' हुनैन ने एक टुंबाटी वासी से पुछा तो वह हंसने लगा
''यह तो हमारे साधारण घरेलु कंप्यूटर हैं हमारे एक साधारण सुपर कंप्यूटर की क्षमता इन कंप्यूटर रोबोटों की तुलना में एक हजार से दस हजार गुना अधिक है''
यह बात सुनकर हुनैन चकरा गया
जब उनका साधारण कंप्यूटर धरती के सुपर कंप्यूटर की क्षमतावाला है तो उनके सुपर कंप्यूटर की क्षमता क्या होंगी?
उन्हें हाथी के से, परंतु हाथी के आकार सें दस गुना बडे शक्ति शाली जानवार बताए गए जिन्हें रिमोट द्वारा जो भी आदेश दिया जाता था वे जानवर वही कार्य करते थे
बडे बडे पहाडों को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर रख देते थे
बडे बडे पहाडों को एक मिनट में चकना चूर कर के रास्ते बना देते थे
उन्हे देख कर हुनैन सोचने लगा इन में का एक भी जानवर धरती पर पहुंच जाए तो बडे से बडे शहर को पांच दस मिनट में नष्ट कर के रख देंगा और कुछ दिनों में सारी धरती का विनाश कर देगा
इस कल्पना से ही वह कांप उठा
उन्हे ज्वाला मुखी के भाग में ले जाया गया
उस क्षेत्र में सैंकडों ज्वाला मुखी थे जो लावा उगल रहे थे परंतु बडी कुशलता से उन सारे ज्वाला मुखियो को नियंत्रित कर के उनका लावा एकत्रित किया जाता था ओर उससे उर्जा का काम लिया जाता था एेसा लगता ही नहीं था कि वह ज्वाला मुखी का क्षेत्र है जहां कदम कदम पर खतरा है
वह तो किसी कारखाने का दृश्य मालूम पडता था जैसे किसी कारखाने की भटटी में लोहा पिघला कर उसे मन चाहे आकार में ढाला जा रहा है
उसके बाद उन्हें वहां के मकानों, वाहनों, रोबटों की क्षमता बताई गई वे जिस धतु से बनाए गए थे वह इतनी मजबूत थी कि लेजर किरण भी उनका कुछ नही बिगाड पाती थी ख़ैलते लावे से वे इस तरहा गुजर जाते थे जैसे पानी में तैर कर आ रहे हों उन पर उसका कुछ भी प्रभाव नही होता था
उन्हों ने छोटे छोटे स्वंय रक्षा के लिए उपयोग किये जाने वाले हथियार बताए गए
उन की नजरों में लेजर गनें बहुत पुरानी चीजें थी उन्हों ने अणू गन,पिस्तौल निर्माण किए थे
जिन से गोलियो के बजा छोटे छाटे अणुबंम निकलते थे और फटते थे
गा्रेलियों के रुप में उपयोग होने वाले वे छोटे छोटे अणुबंब जब फटते थे तो जो उर्जा पैदा होती थी उ से क्या क्या विनाश हो सकता था इस का अनुमान लगाना ही कठीन था
हुनैन ने अनुमान लगाया था कि उनकी पिस्तौल की एक गोली धरती के किसी बडे शहर के एक मोहल्ले को भस्म करने के लिए प्रयाप्त है
दूसरे दिन रात को समा्रट योकोटी ने उन्हें दावत दी थी
भेजन के बाद वह अपनी धरती वासियों की क्षमता का एक और अदभुत नमुना दिखाने वाला था
उन्हें एक ऐसी प्रयोग शाला में ले जाया गया जहां एक बडी तोप लगी थी एक बडे से स्क्रीन पर किसी ग्रह का चित्र बार बार उभर डूब रहा था
''यह हमारी धरती से हजारों प्रकाश वर्ष दूर एक आकाश गंगा का ग्रह है हम हमारी धरती से कुछ घंटे में उस ग्रह को नष्ट कर सकतें है यह परिक्षण अब आप लोगों को बताया जाएगा'' समा्राट योकोटी ने कहा
और फिर तोप दाग दी गई
''आप अपनी ऑंखें से देखेंगे इस तोप से निकली लेजर किरण हजारों प्रकाश वर्ष की दूरी कुछ घंटो में तय कर के उस ग्रह को क्षण में नष्ट कर देंगी जिस का आकार आप की धरती के बराबर का है'' योकोटी बोला
स्क्रीन पर कभी उस ग्रह का चित्र उभरता तो कभी उस ग्रह की ओर बढती लेजर किरण का
अंत वह उस ग्रह तक पहुंच गई और सचमुच कुछ क्षणों में उस किरण ने उस ग्रह का अस्तित्व मिटा डाला
परदे पर एक धमाका हुआ पूरा परदा रोश्नी में नहा गया और फिर धीरे धीरे रौश्नी कम हुई तो परदे पर उस ग्रह का नामो निशान नही था
सच मुच उस लेजर किरण ने उसे कुछ क्षणों में नष्ट कर दिया था
इस दर्शय को देख कर हर कोई कांप उठा
सभी ने अनुमान लगा लिया कि समा्रट योकोटी का इस दृशय को बताने का यही ध्यय था जैसे वह कह रहा हो
''देखा हमारी शक्ति यदि तुम लोगों, धरती के लोगों ने मेरी बात नही मानी तो में इसी तरह धरती का भी विनाश कर सकता हुू''
उसके बाद उन्हें एक ऐसी प्रयोग शाला में लेजाया गया जहां से सारे बाह्रमांणड पर नजर रखी जाती था
टुंबाटी के जासुस उपग्रह हर उस ग्रह पर नजर रखें हुए थे जहां जहां जीवन था उनमें धरती भी थी
धरती वालों को तो पता भी नही था कि टुंबाटी ग्रह का एक नजर ना आने वाला उपग्रह धरती के र्गिद घुम रहा है और धरती पर घटने वाली घटनाओं की पल पल की खबर टुंबाटी ग्रह को भेज रहा है
धरती वालोें को तो इस बारे में भी पूरे विश्वास से जानकारी नहीं थी की टुंबाटी ग्रह पर जीवन है भी या नही
परंतु टुंबाटी के वासी धरती पर राज करने का सोच रहे थे
''मेरा समा्रज्य आधे बा्रहमांणड में फैल गया है यदि धरती वासी मेरे समा्रज्य को स्वीकार करते ं हैं तो फिर पूरे बा्रहमांणड पर राज्य करना मेरे लिया कोई मुश्किल काम नही ''
और धरती से आए सारे वैज्ञानिक राजनेता टुंबाटी वासियों के वैज्ञानिक प्रगती,शक्ति को देख कर सोच रहे थे, योकोटी के समा्रज्य को स्वीकार करने में ही धरती की भलाई है नहीं तो मिनटों में समा्रट योकोटी धरती को चिंटी की तरहा मसल कर नष्ट कर देंगा
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