सोने की नगरी
लेखक:-एम.मुबीन
सारी दुनिया में प्रो पाल के सो की नगरी की धूम मची हुई थी समाचार पत्र उस नगरी के रंगीन चित्र प्रकाशित कर रहे थे टी वी पर आए दिन उस सोने की नगरी पर आधारित कार्यक्रम दिखाए जा रहे थे जो कोई प्रोफेसर पाल की साने की नगरी को देख आता था उसे अदभुत नगरी की कहानियां सब को सुनाता वे कहानियां एक दाूरे से होती हजारों लागों तक पहुंच जाती थी
राजा ने भी साने की नगरी के बारे में बहुत कुछ सुन रखा था उसके मन में भी साने की नगरी देखने कि जिज्ञासा थी एक दिन वे अपने पिता डॉ जय से जिद करने लगा कि वह भी प्रो पाल की सोने की नगरी देखना चाहता है
'पापा आप तो कहते थे प्रोफेसर पाल आप के साथ पढा करते थे इस तरह वे भी आप को अच्छी तरह जानते होंगे मैं ने उनकी सोनी की नगरी के बारे में बहुत कुछ सुना है मैं वह नगरी देखना चाहता हूं मुझे प्रो पाल की सोने की नगरी दिखाने ले चलिए ना'
'बेटे प्रो पाल की साने की नगरी के बारे में मैंने भी बहुत कुछ सुना है उसे मैं भी देखना चाहता हुूं यह भी सच है कि पाल मेरे साथ पढता था परंतु मैं उसके स्वभाव को अच्छी तरहा जानता हुूं आज से दस वर्ष पहले उस ने देश की कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिक गुप्त दूश्मन देश को बेचने के आरोप में जेल हुई थी उसने देश से द्रोह किया था जब से उसकी साने की नगरी का चर्चा हुआ है मुझो भय होने लगा है कहीं इस के पीछे देश द्रोह की या देश को नुकसान पहुचाने की उसकी कोई चााल ना हो ऌसलिए हम कल ही उसकी साने की नगरी देखने जाएगे '
प्रोफेसर पाल की साने की नगरी शहर से पाँच सौ लिों मिटर दूर एक पहाडी के दामन में बसी थी चारों ओर से घिरी पहाडीयां एक तरहा से उस नगरी की रक्षा करने का काम कर रही थी केवल एक रास्ता था जिस के द्वारा नगरी में पहुंचा जा सकता था
राजा औ डॉ ज़य रात में रवाना हुए
सवेरे वे प्रो पाल की नगरी में पहुंच गए थे नगरी के प्रवेश द्वार पर उन्हें रोक लिया गया
''हर किसी को नगरी में प्रवेश करने की अनुमती नही है''रक्षको ने उन्हें जब रोका तो डॉ ज़य ने अपना कार्ड उन्हें दे दिया और कहा की वे यह कार्ड प्रो पाल को दे दें रक्षक कार्डलेकर गए और थोडी देर बाद वापस आए और उन्हें पुरे सम्मानपूवर्क भीतर ले गए जहां प्रो पाल उन की राह देख रहे थे
'डॉ ज़य मेरे यार मै समझा था तुम मुझे भ्ूुल गए परंतु ऐसा नही हुआ मेरे सोने की नगरी का मोह तुम्हे यहां खींच लाया आओ में तुम्हें और तुमहारे बेटे राजा को अपनी सोने की नगरी सवंय दिखाता हुं ''
उस के बाद के बाद प्रो पाल ने सवंय उन्हें सोने की नगरी दिखाई कई छोटी छोटी इमारतें थी जो पूरी साने से बनी थी उन में जो इंटें लगी थी दरवाजे,पतरें,खिडकीयां इता हर चीज सोने से बनी थी एक छोटा सा बाग था जिस में पौदे,फल,फुल सब सोने के थे उस में कई जानवरों की बडी छोटी मुर्र्र्र्र्र्र्तीयां भी थी जो सोने की थी टेबल,कुर्सी,लास वहां पर हर चीज सचमुच सोने की थी पूरी नगरी की सैर कराने के बाद प्रो पाल बोला
''जय मै तुम्हें वह चीज भी बताउगा जो आज तक किसी को नही बताई मेरी प्रेयोग शाली जहां सोना बनता है'
इस के बाद प्रो पाल उन्हें अपने प्रयोग शाला में ले गया
वह एक बहुत बडी इमारत थी भीतर किसी बडे से कारखाने की तरह ही जैसे कोई बडा सा स्टील बनाने का कारखाना होता है
भीतर उसी तरहा सोना बन रहा था जिस तरहा लोहा या स्टील बनाया जाता है और उस सोने को तरहा तरहा की चीजो का आकार दिया जा रहा था
ज़ैसे कही इमारते बनाने के लिए इंट,खिडकी ,दरवाजे बनाए जा रहे थे तो कहीं जीवन अवश्यक वस्तंएें जैसे कुर्सी,टेबल, बर्तन इता बनाए जा रहे थे
''देखा डॉकटर मेरा अविष्कार '' प्रो पाल बोला 'सारी दुनिया हजारों लाखो फुट गहरी खुदाइ करती है तो हजारों महंगी प्रक्रियाओं के बाद दस बीस गा्रम सोना जमीन से निकाल पाती है और मैं तो अपने अविष्कार से लोहे और स्टील की तरह सोना बना रहा हुू बोलो मैं दुनिया का महान वैज्ञानिक हुं या नही ''
'वह तो ठिक है परंतु तुम यह सब किस लिए कर रहे हो?'डॉ ज़य ने पुछा
''इस देश ,इस दुनिया पर राज करने के लिए'' प्रो पाल बोला ''एक दिन इस सोने के बल पर में इस देश और सारी दुनिया पर राज करुंगा '
'क्या इन सब की तैयारी के लिए तुम ने किसी विदेशी शक्ति की सहायता ली है?'राजा के पीता ने पूछा
'ली है ' पाल बोला उन की सहायता के बिना मैं यह सब कर ही नही सकता था '
डॉ ज़य का दिमाग बडी तेजी से काम करने लगा
वे शाम तक प्रो पाल की सोने की नगरी में रहे फिर वापस अपने घर चल दिए
'पापा सचमुच कितनी विचित्र बात है ना हम हजारों प्रक्रियों कर के लाखों रुपया र्खच कर के दो तीन किलो सोना धरती से निकाल पाते है परंतु वहां तो सोना लोहे की तरहा बन रहा था' राजा बोला
'वह ठिक है बेटे परंतु प्रो पाल की विदेशी शक्तियों से लि गई सहायता मुझे तो किसी षडयंत्र की बू आ रही है'
'क्या षडयंत्र हो सकता है पापा'
'अरे जब प्रोफेसर पाल का सोना बाजार में आएगा तो असली सोने की कोई किमत नही रहेंगी देश में सोने के भाव गिरने लगे गे और रुपये का भाव भी रुपया काैडियों के मोल के बराबर हो जाएगा इस तरह हमारा देश आथिर्क रुप से नष्ट हो जाएगा'
'हां यह तो है' राजा बोला 'यह हमारे देश का नष्ट करने का षडयंत्र है परंतु हम किसी तरहा अपने देश को बचा सकते है' ''
'सब से पहले हमें इस बात का पता लगाना पडेंगा कि प्रो पाल सोना किस तरहा बना रहा' डॉ ज़य बोले
दूसरे दिन से वे इस बात का पता लगाने में जुट गए कि प्रो पाल किस तरहा सोना बना रहा है
एक सपताह बाद प्रो पाल ने धमकी दी
'मुझे देश का प्रधान मंत्री बना दिया जाए यदि ऐसा नही किया गया तो में अपना बनाया सारा सोना बजार में ले आउंगा जिससे असली सोने का भाव गिर जाएगा और देश अथिर्क रुप से नष्ट हो जाएगा मुझे गिरफतार करने या मेरे विरुध कारवाई करने की कोई कोशिश भी ना कि जाए क्यों कि यदि एैसा किया गया तो लाखों टन सोना जो मेें सारे देश में पहुंचा चुका हुू मेरी गिरफतारी या मेरे विरुध कारवाई के साथ ही बाजार में आजाएगा और अंजाम वही होंगा इस लिए देश की भलाई इसी में है कि मुझे प्रधान मंत्री बना दिया जाए'
प्रो पाल की धमकी से सारा राष्ट्र सनन रह गया
सच मुच ऐसी स्थिती थी कि यदि पाल की बात नही मानी जाए तो सारा देश नष्ट हो जाएगा
इधर डॉ ज़य रात दिन इस बात का पता लगाने में लगे थे कि पाल सोना किस तरहा बना रहा है आखिर वे एक दिन इस बात का पता लगाने में सफल रहे
'पापा आप ने पता लगा लिया प्रो पाल किस तरहा सोना बना रहा है?' राजा ने अपने पीता से पुछे
'हां'डॉ ज़य बोले ' बडा आसान तरीका है ज़िस तरहा पानी ी2वसे मिल कर बनता है यानी बो हायडरोजन के अनु और एक आकसीजन के अनणू से यदि दो हायडरोजन और एक ओकसीजन के अनु मिलाए तो पानी बन जाएगा यदि पानी से ओकसीजन का अणू निकाल दे तो हायडरोजन बन जाएगा इसी तरहा सोना भी कुछ अणूओं से मिल कर बनता है सीलीयम नामी धात में वे सारे अणू पाए जाते है जो सोने में पाए जाते है सीलीयम से एक ह3 निकाल दिया जाए तो शेष पध्दार्थ सोना बच जाता है
प्रो पाल सीलीयम से ह3 जो एक गैस है निकाल कर सोना बना रहा है यदि उस के सोने पर ह3 गैस छोछ दी जाए तो प्रक्रिया से वह सोना फिर सीलीयम धात बन जाएगा मैं अभी प्रधाप मंत्री को खबर करता हुं पाल की धमकी से ना घबराऐं में ह3 गैस तैयार कर रहा हुं वह गैस उस घाटी में छोड दी जाए जहां सोने की नगरी है और जहां पाल सोंना तैयार करता है वह गैस सारे सोने को सीलीयम धातू बना देगी पाल ने जो सोना बाजार में लाया है उसे भी इसी तरहा परख कर नष्ट कर के देश पर आए संकट को टाला जा सकता है ''
दो दिन बाद सेना के विमान पाल की सोने की नगरी पर ह3 गैस छोड आए जिस के कारण वह धातू की बन गई जो बाजार में था उसे भी इसी तरहा नष्ट कर किया गया और प्रो पाल
को देश द्रोहि के आरोप में गिरफतार कर लिया गया
राजा के पीता डॉ ज़य की वैज्ञानिक खोज के कारण यह संभव हो सका
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